क्या आपको पता है ट्रेन की पटरियों के बीच पत्थर क्यों बिछाये जाते हैं? जानिए इसकी रोचक वजह

डिजिटल डेस्क : ट्रेन की पटरी देखने में जितनी साधारण होती है हकीकत में वह इतनी साधारण नहीं होती है उस पटरी के नीचे कंक्रीट के बने प्लेट होते हैं जिन्हें स्लीपर कहा जाता है. इन स्लीपर के नीचे पत्थर यानी गिट्टी होती है इसे बलास्ट कहते हैं इसके नीचे अलग अलग तरह की दो लेयर में मिट्टी होती है और इन सबके नीचे नॉर्मल जमीन होती है.

आप जब ट्रेन में सफर करते होंगे तो रेलवे ट्रैक तो देखते होंगे तो आपको पता होगा कि ट्रेन की पटरियों के बीच में पत्थर बिछाए जाते हैं.

ऐसा बताया जाता है कि जब ट्रेन का अविष्कार हुआ था तभी से इसकी पटरी पर पत्थर बिछाएं जा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है? आइए इस लेख में हम आपको वही बताने वाले हैं.

ट्रेन के वजन को संभालने के लिए बिछाए जाते हैं पत्थर

लोहे से बनी एक ट्रेन का वजन लगभग 10 लाख किलो तक होता है जिसे सिर्फ पटरी नहीं संभाल सकती है. इतनी भारी भरकम ट्रेन के वजन को संभालने में लोहे के बने ट्रैक, कंक्रीट के बने स्लीपर और पत्थर तीनों का योगदान होता है.

वैसे देखा जाए तो सबसे ज्यादा लोड इन पत्थरों पर ही होता है. पत्थरों की वजह से ही कंक्रीट के बने स्लीपर अपनी जगह से नहीं हिलते हैं.

आपको जानकर हैरानी होगी कि लोहे से बनी एक ट्रेन का वजन 10 लाख किलो तक होता है. ऐसे में इतने ज्यादा वजन को केवल पटरी नहीं संभाल सकती.

इसलिए भरकम ट्रेन के वजन को संभालने में लोहे के बने ट्रैक, कंक्रीट के बने स्लीपर और पत्थर तीनों का योगदान होता है. सबसे ज्यादा लोड इन पत्थरों पर ही पड़ता है. ये पत्थर कंक्रीट के बने स्लीपर को हिलने डुलने भी नहीं देते.

ट्रैक पर घास और और पौधों से बचाने में करते हैं मदद

अगर रेलवे ट्रैक पर पत्थर नहीं बिछाए जाएं, तो ट्रैक पर घास और पेड़ पौधे उग जाएंगे. इसके चलते रेलवे को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. एक ये भी वजह है जिसके कारण रेलवे ट्रैक पर पत्थर बिछाए जाते हैं.

वैज्ञानिक कारण

रेलवे ट्रैक पर पत्थर बिछाने का एक वैज्ञानिक कारण कंपन्न को कम करना भी है. दरअसल, जब पटरियों पर तेज रफ्तार में ट्रेन चलती है, तो कंपन्न पैदा भी होता है जिससे पटरियों के फैलने की संभावना बढ़ जाती है जिससे ट्रैक पर बिछे पत्थर इस कंपन्न को भी कम करने में मदद करते हैं.

जल भराव की समस्या न हो

पटरी पर पत्थर बिछाने के पीछे एक वजह ये भी है कि पटरियों में जल भराव की समस्या न हो. जब बरसात का पानी ट्रैक पर गिरता है तो वो पत्थर से होते हुए जमीन पर चला जाता है.

इससे पटरियों के बीच में जल भराव की समस्या नहीं होती है. इसके अलावा ट्रैक में बिछे पत्थर पानी से बहते भी नहीं नहीं हैं.

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