यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2021 में पहला स्थान हासिल करने वाली श्रुति शर्मा ने इस सफलता के पीछे अपने माता- पिता और दोस्तों को श्रेय दिया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि ‘अत्यंत सहायक’ माता-पिता और दोस्तों ने उनकी इस यात्रा में मदद की. दिल्ली में रहने वाली सेंट स्टीफंस कॉलेज की पूर्व छात्रा शर्मा ने कहा कि उन्हें ऐसे परिणाम की उम्मीद नहीं थी और यह एक सुखद आश्चर्य है.
उन्होंने कहा, “इसका श्रेय उन सभी को जाता है जो मेरी यात्रा में शामिल थे, खासकर मेरे माता-पिता और वे दोस्त जिन्होंने मेरी सहायता की और मार्गदर्शन किया. शर्मा ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की और पिछले चार वर्षों से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थीं. वह जामिया मिलिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी (आरसीए) की छात्रा थीं.
685 परीक्षार्थियों ने सफलता हासिल की है
आरसीए को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक जैसे वर्गों से संबंधित छात्रों को मुफ्त कोचिंग और आवासीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की तरफ से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. जामिया के एक अधिकारी ने बताया कि कोचिंग अकादमी के 23 छात्रों ने परीक्षा पास की है. यूपीएससी द्वारा सोमवार को घोषित परिणाम के अनुसार कुल 685 परीक्षार्थियों ने सफलता हासिल की है.
10 वर्षों में 245 छात्र सिविल सर्विसेस में चुने गए हैं
बता दें कि जामिया मिलिया इस्लामिया रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी के 23 उम्मीदवार यूपीएससी में चुने गए हैं. इनमें 12 मुस्लिम उम्मीदवार भी शामिल हैं. मालूम हो श्रुति शर्मा इसी कोचिंग की छात्रा रही हैं. दरअसल, जामिया मिलिया इस्लामिया रेजिडेंशियल कोचिंग (आरसीए) वंचित छात्रों को मुफ्त कोचिंग और प्रशिक्षण प्रदान करता है.
सिविल सेवा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के उम्मीदवारों के लिए देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से आरसीए एक है. यहां 200 उम्मीदवारों को एडमिशन मिलता है. जामिया की आरसीए एक ऐसी कोचिंग एकेडमी है जहां से बीते 10 वर्षों में 245 छात्र सिविल सर्विसेस में चुने गए हैं.