Skills India के टेक्निकल इंटर्न ट्रेनिंग प्रोग्राम की उपलब्धि, जापान भेजे गए दल में रूद्रप्रयाग जिले की नेहा टम्टा भी शामिल

देहरादून : स्किल इंडिया (Skills India) के टेक्निकल इंटर्न ट्रेनिंग प्रोग्राम (TITP) के अंतर्गत, मार्च 2022 से अब तक 100 से अधिक छात्रों के एक दल को जापान भेजा है, इस दल में उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग की 22 वर्षीय नेहा टम्टा भी शामिल है।

टीआईटीपी जापान द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है जो ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए विदेशी इन्टर्न को स्वीकार करता है। भारत और जापान ने कौशल, तकनीक और ज्ञान के हस्तांतरण के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। 100 इंटर्न में 40 प्रतिशत महिलाएं हैं।

उम्मीदवारों को मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर, कन्स्ट्रक्शन, टेक्सटाइल, एग्रीकल्चर और फूड मैन्युफैक्चरिंग जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अग्रणी जापानी संगठनों के साथ अपने कौशल को निखारने का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम के तहत, वे 1 लाख – 1.4 लाख रुपए का औसत मासिक वजीफा प्राप्त करेंगे।

बता दें  कि रूद्रप्रयाग की नेहा टम्टा ने वर्ष 2018 में अपना सामान्य कर्तव्य सहायक (जीडीए) प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा किया। तभी उसे TITP कार्यक्रम के बारे में पता चला। लेकिन चूंकि उत्तराखंड में कोई जापानी प्रशिक्षण संस्थान नहीं थे, इसलिए उन्होंने लर्नेट इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स (Learnet Institute of Skills) में भाषा सीखने के लिए पश्चिम बंगाल के एक छोटे से शहर कलिम्पोंग में स्थानांतरित कर दिया। 

नेहा ने बताया कि उसने जापानी भाषा का प्रशिक्षण पूरा किया और मार्च 2020 में नौकरी के लिए चुनी गई। जिसके बाद कोरोनाकाल की वजह से जब महामारी ने हम सभी को प्रभावित किया और सभी अंतरराष्ट्रीय यात्राएं निलंबित हो गईं।

वह निराश होकर अपने गृहनगर वापस चली गई। महामारी के बीच परिवार के लिए कमाने और समर्थन करने के लिए लर्नेट स्किल्स के साथ काम करना शुरू कर दिया। दो साल बाद अब चीजें बदल गई हैं, और मैं अंततः अपने सपनों को पूरा करने के लिए 20 मई को TITP के तहत जापान की यात्रा कर रही हूं।

एनएसडीसी (NSDC) के सीओओ और ऑफिशिएटिंग सीईओ, वेद मणि तिवारी ने कहा, “वैश्वीकरण और तकनीकी-सम्बंधी परिवर्तन ने दुनिया भर में कुशल कर्मियों की मांग को तेज कर दिया है।  भारत इस मांग को पूरा करने के लिए युवाओं को न्यू-एज़ स्किल्स से लैस करके भारत को विश्व की ‘कौशल राजधानी’ बनाने के अपने प्रयासों में तेजी ला रहा है।

हम युवा श्रम शक्ति के जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाकर और उन्हें इन-डिमांड जॉब ट्रेनिंग से लैस करके एक ‘रोजगार के लिए तैयार’ भारत बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

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