डिजिटल डेस्क : महंगाई के मोर्चे पर सरकार को राहत देने वाली खबर आई है। दरअसल, भारतीय परिवारों की रसोइयों के लिए सबसे अहम माने जाने चावल और आटा सस्ता हो गया है। इससे उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिल सकती है।
इसमें गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध का भी गेहूं और आटे की कीमतों पर असर दिखा है और गर्मियों की धान की फसल आने से चावल की कीमतें घटी हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 10 दिन के दौरान चावल और आटे में क्रमशः 7 फीसदी और 5 फीसदी की कमी आई है।
5 फीसदी तक सस्ता हुआ आटा
रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अंजनी अग्रवाल ने कहा, पूरी वैल्यू चेन में कीमतें 5 फीसदी तक कम हुई हैं। आटे की खुदरा कीमतें भी 5 फीसदी तक कम हुई हैं।
बरेली की एफएमसीजी और एडिबल ऑयल कंपनी बीएल एग्रो के एमडी आशीष खंडेलवाल ने कहा, घरेलू डिमांड अच्छी बनी हुई है। हम इस स्तर से कीमतों में और गिरावट नहीं देखते हैं।
कहां किस कीमत पर मिल रहा है आटा
पश्चिमी और पूर्वी भारत में, मंडी स्तर पर गेहूं की 23 रुपये प्रति किग्रा है, वहीं इसके ज्यादा पैदावाला वाले क्षेत्र उत्तर भारत में कीमतें 22 रुपये हैं। दक्षिण भारत में इसकी कीमत 26 रुपये प्रति किग्रा के आसपास हैं।
वहीं खुदरा स्तर पर पश्चिमी और पूर्वी भारत में आटा 30 रुपये प्रति किग्रा, उत्तर भारत में 29 रुपये और दक्षिणी भारत में 33 रुपये प्रति किग्रा है।
नई फसल आने से सस्ता हुआ चावल
अमन चावल के बाजार में आने की शुरुआत होने से चावल की कीमतें भी कम होना शुरू हो गई हैं। धान के सबसे बड़े उत्पादक पश्चिम बंगाल में कीमतें 7 फीसदी कम हुई हैं।
तिरुपति एग्री ट्रेड के चीफ एग्जीक्यूटिव सूरज अग्रवाल ने कहा, नया चावल आने से पिछले 10 दिन में कीमतें 7 फीसदी तक कम हो चुकी हैं। खुदरा स्तर पर उपभोक्ता 10 दिन पहले इस चावल को 41 रुपये प्रति किग्रा पर खरीद रहे थे, जो अब 38 रुपये में मिल रहा है।