नगर विकास मंत्री से श्रमिक कॉलोनियों के हाउस टैक्स को रोकने की मांग

— भाजपा नेता डॉ शैलेन्द्र दीक्षित ने नगर विकास मंत्री को सौंपा मांग पत्र

कानपुर, 09 मई (हि.स.)। कानपुर नगर निगम श्रमिक कालोनियों से हाउस टैक्स की वसूली का फैसला किया है। इसको लेकर वर्षों से श्रमिक कालोनियों के मालिकाना हक की लड़ाई लड़ रहे श्रमिक बस्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा नेता डॉ शैलेन्द्र दीक्षित ने सोमवार को लखनऊ जाकर नगर विकास मंत्री ए.के.शर्मा से श्रमिक कालोनियों के मुद्दे पर चर्चा की और उनको मांग पत्र सौंपा।

डॉ दीक्षित ने नगर विकास मंत्री को बताया कि पूरे प्रदेश में लगभग 36000 श्रमिक कालोनियां हैं जिनमें से सबसे अधिक 18000 श्रमिक कॉलोनियां कानपुर में ही हैं। उन्होंने बताया कि श्रमिक बस्तियों के मालिकाना हक की लड़ाई शासन स्तर पर रुकी हुई है। इसके बावजूद कानपुर नगर निगम ने एक प्रस्ताव पारित कर श्रमिक कालोनियों से हाउस टैक्स की वसूली का फैसला किया है। जबकि अभी तक श्रमिक कालोनियों का मालिकाना हक लेबर कमिश्नर के पास है। वहां के निवासी तो सिर्फ किराएदार की हैसियत से रह रहे हैं। किसी किराएदार से हाउस टैक्स की वसूली कैसे की जा सकती है।

डा.दीक्षित ने कहा कि सबसे पहले श्रमिक कालोनियों में रहने वालों को दिल्ली और उड़ीसा की तर्ज पर मालिकाना हक दिया जाये। बिना मालिकाना हक के हाउस टैक्स वसूलने का फैसला न्यायसंगत नहीं है। नगर विकास मंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस पर चर्चा कर श्रमिकों के हित में फैसला लिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय

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