एम्स्टर्डम ,12 जुलाई । कोरोना महामारी ने दुनिया को नए कल्चर में ढलने को मजबूर कर दिया है। इसी संकट के बीच दुनियाभर की कंपनियों ने अपने कर्मचारियों ने वर्क फ्रॉम होम को अपनाया। इससे लॉकडॉउन के बीच कंपनियों के संचालन में काफी मदद मिली।
अब जबकि महामारी का असर कम हो गया है, ज्यादातर कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम को खत्म करके पहले की तरह अपने ऑफिस खोलने शुरू कर दिए है। कुछ कंपनियों के दफ्तर पूरी तरह खुल चुके हैं तो कुछ मल्टीनेशनल कंपनियों के दफ्तर खुलने की प्रक्रिया में हैं। हालांकि इस बीच एक ऐसा देश भी है जो अपने यहां वर्क फ्रॉम होम को कानूनी अधिकार बनाने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। उस देश का नाम है नीदरलैंड।
नीदरलैंड की संसद ने वर्क फ्रॉम होम को कानूनी अधिकार बनाने का फैसला लेने वाली है। पिछले हफ्ते संसद के निचले सदन ने इस जुड़ा हुआ एक प्रस्ताव पारित किया था। अब इस प्रस्ताव को देश के ऊपरी सदन यानि सीनेट की मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। नीदरलैंड में कोरोना महामारी के पहले भी वर्क फ्रॉम होम का कल्चर प्रचलन में था। यूरोस्टैट के आंकड़ों के मुताबिक नीदरलैंड में कोरोना से पहले भी 14प्रतिशत लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे।
बता दें कि नीदरलैंड में वर्क फ्रॉम होम को कानूनी अधिकार का दर्जा देने की बात ऐसे समय पर सामने आई है जब दुनिया भर की कंपनियों में कोरोना संकट से उबरने के बाद वर्क फ्रॉम होम को विराम देकर कर्मचारियो को दोबारा दफ्तर बुलाने की कवायद चल रही है। इस कवायद के बीच टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने तो कर्मियों को चेतावनी तक दे दी है कि कर्मचारी या तो ऑफिस लौटें या फिर नौकरी छोड़ दें।
वहीं अगर भारत की बात की जाए तो पिछले साल जनवरी में सरकार की ओर से एक स्टैंडिंग ऑर्डर जारी कर कहा गया था कि नियोक्ता और कर्मचारी आपसी समझौते के आधार पर काम के घंटे और सेवा की दूसरी शर्तें तय करें। सरकार के इस कदम को उस समय वर्क फ्रॉम होम की दिशा में उठाया गया एक सांकेतिक कदम माना गया क्योंकि उस समय देश में कोविड के कारण अधिकांश कंपनियों के कर्मचारी घर से ही काम कर रहे थे।
खबरें यह भी आईं थी कि सरकार वर्क फ्रॉम होम को लेकर एक लीग फ्रेम वर्क बना सकती है जिसे वर्क फ्रॉम होगा और हाईब्रिड वर्किंग पर लागू किया जा सके। हालांकि सरकार की ओर से इस बारे में कोई टाइमलाइन नहीं तय की गई है।
ऐसे में देश में अब भी वर्क फ्राम होम को लेकर कोई बाध्यकारी कानून लागू नहीं है। पर, वर्क फ्राम होम के तहत लिए जाने वाले काम सरकार और कंपनियों दोनों की मान्यता देंती हैं। पर सरकार ने अब तक इसके लिए कोई स्पष्ट नियम नहीं बनाए हैं।